15 May 2017

रंगीला VP

एक शहर में मोमेनीन की बड़ी जमात हुआ करती थी, जिसका VP (वाईस प्रेसिडेंट) और उसके मानने वाले भी उसका हिस्सा थे. 

दीनी जमात होने के नाते मस्जिद और इमामबरगाह को मैनेज करना VP साहब का काम रहा करता था. VP साहब इतने बड़े दीनदार थे की एक मीटिंग में उन्होंने और उनके चेलेचपाटो ने कुछ दीनी ओलोमाओ पर तक पाबन्दी लगा दी. 

एक रोज़ VP साहब के घर में उनके लड़के की शादी का प्रोग्राम बना. पत्रिकाए छपने लगी.. न्योते जाने लगे... फॉरेन से भी लोग आने लगे. यहाँ तक की फॉरेन से उनके चाहिते मजलिस पड़ने वाले यूथ आइकॉन ओरटर भी आ पहुंचे. 

शादी से ठीक एक रात पहले एक बैंक्वेट हॉल में संगीत का प्रोग्राम रखा गया, जिसमे VP साहब के साथ साथ बहार के गेस्ट भी आमंत्रित थे. लोग देख के हैरान थे कि प्रोग्राम तो सही में संगीत का प्रोग्राम था... जिसमे गाना बजाना, डांस पार्टी हो रही थी और VP साहब भी स्टेज के किनारे पर खड़े तालिय बजाते दिखाई दिए.

खैर! प्रोग्राम सही से पूरा हुआ. सभी दोस्तों और रिश्तेदारों ने अपने सारे अरमान पुरे किये और दोस्तों रिश्तेदारों ने पार्टी के फोटोज और वीडियोस सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए.

फिर क्या था! लोग सवाल उठाने लगे. दीनी मरकज़ के VP साहब के लड़के की शादी में मिक्स गेदरिंग के साथ डांस पार्टी? VP साहब डिफेन्स मोड में आ कर फेसबुक पर स्टेटमेंट देते दिखाई दिए कि पार्टी लड़के के दोस्तों ने आयोजित की थी, इसमें उनका कोई लेना देना नहीं.

मामला तुल पकड़ रहा था. लोगो ने जमात को पत्र भेज कर निंदा करना शुरू कर दिया जिसके जवाब में ये लिखा हुआ आया की लोगो की पर्सनल ज़िन्दगी में दखल अंदाजी करना गुनाह है और ऐसे लेटर्स लिख कर बात को बढ़ाना घीबत है और हराम है.

सवाल ये उठते है की:
  • क्या VP साहब को अपनी जाती ज़िन्दगी में दीन पर अमल करना चाहिए की नहीं?
  • अपने लड़के की शादी में दमके पार्टी आयोजित करने वाले दोस्तों को VP साहब मन नहीं कर सकते थे क्या?
  • जिस VP के घर में दीन नहीं है क्या वो पूरी जमात के नौजवानों के दीन की ज़िम्मेदारी ले कर ओलेमा पर पाबन्दी लगा सकता है क्या?
डांस पार्टी पर सवाल उठाने वालो को गुनेहगार बताने वाले VP साहब इस्लाम का एक अहम् नुक्ता भूल गए जिसे "बुराई से रोकना" कहा जाता है.

जिस दीन पर VP साहब अमल कर रहे है उसके हिसाब से कुछ ऐसी हालत बनती है:
"मैं कुछ भी करू तुझे क्या?
तु कुछ भी करे, मुझे क्या?"

इस्लाम इसका उलट सिखाता है. एक समाज में हर मोमिन की ज़िम्मेदारी है के एक दुसरे को नेकी का हुक्म करे और बुराई से रोके.

VP साहब ना जाने कौन से इस्लाम पर अमल कर रहे है.

आज अवाम सवाल पूछ रही है...
  • क्या ऐसे लोग दीनी मरकज़ के VP की पोजीशन पर अब भी बकी रहने लायक़ है?
  • क्या इन जैसे लोगो को हम जमात का प्रेसिडेंट बनाना पसंद करेगे?
कहानी दिलचस्प है... अब लोगो का मूड देखना होगा!


तहरीर: अब्बास हिंदी

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एक शहर में मोमेनीन की बड़ी जमात हुआ करती थी, जिसका VP (वाईस प्रेसिडेंट) और उसके मानने वाले भी उसका हिस्सा थे. 

दीनी जमात होने के नाते मस्जिद और इमामबरगाह को मैनेज करना VP साहब का काम रहा करता था. VP साहब इतने बड़े दीनदार थे की एक मीटिंग में उन्होंने और उनके चेलेचपाटो ने कुछ दीनी ओलोमाओ पर तक पाबन्दी लगा दी. 

एक रोज़ VP साहब के घर में उनके लड़के की शादी का प्रोग्राम बना. पत्रिकाए छपने लगी.. न्योते जाने लगे... फॉरेन से भी लोग आने लगे. यहाँ तक की फॉरेन से उनके चाहिते मजलिस पड़ने वाले यूथ आइकॉन ओरटर भी आ पहुंचे. 

शादी से ठीक एक रात पहले एक बैंक्वेट हॉल में संगीत का प्रोग्राम रखा गया, जिसमे VP साहब के साथ साथ बहार के गेस्ट भी आमंत्रित थे. लोग देख के हैरान थे कि प्रोग्राम तो सही में संगीत का प्रोग्राम था... जिसमे गाना बजाना, डांस पार्टी हो रही थी और VP साहब भी स्टेज के किनारे पर खड़े तालिय बजाते दिखाई दिए.

खैर! प्रोग्राम सही से पूरा हुआ. सभी दोस्तों और रिश्तेदारों ने अपने सारे अरमान पुरे किये और दोस्तों रिश्तेदारों ने पार्टी के फोटोज और वीडियोस सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए.

फिर क्या था! लोग सवाल उठाने लगे. दीनी मरकज़ के VP साहब के लड़के की शादी में मिक्स गेदरिंग के साथ डांस पार्टी? VP साहब डिफेन्स मोड में आ कर फेसबुक पर स्टेटमेंट देते दिखाई दिए कि पार्टी लड़के के दोस्तों ने आयोजित की थी, इसमें उनका कोई लेना देना नहीं.

मामला तुल पकड़ रहा था. लोगो ने जमात को पत्र भेज कर निंदा करना शुरू कर दिया जिसके जवाब में ये लिखा हुआ आया की लोगो की पर्सनल ज़िन्दगी में दखल अंदाजी करना गुनाह है और ऐसे लेटर्स लिख कर बात को बढ़ाना घीबत है और हराम है.

सवाल ये उठते है की:
  • क्या VP साहब को अपनी जाती ज़िन्दगी में दीन पर अमल करना चाहिए की नहीं?
  • अपने लड़के की शादी में दमके पार्टी आयोजित करने वाले दोस्तों को VP साहब मन नहीं कर सकते थे क्या?
  • जिस VP के घर में दीन नहीं है क्या वो पूरी जमात के नौजवानों के दीन की ज़िम्मेदारी ले कर ओलेमा पर पाबन्दी लगा सकता है क्या?
डांस पार्टी पर सवाल उठाने वालो को गुनेहगार बताने वाले VP साहब इस्लाम का एक अहम् नुक्ता भूल गए जिसे "बुराई से रोकना" कहा जाता है.

जिस दीन पर VP साहब अमल कर रहे है उसके हिसाब से कुछ ऐसी हालत बनती है:
"मैं कुछ भी करू तुझे क्या?
तु कुछ भी करे, मुझे क्या?"

इस्लाम इसका उलट सिखाता है. एक समाज में हर मोमिन की ज़िम्मेदारी है के एक दुसरे को नेकी का हुक्म करे और बुराई से रोके.

VP साहब ना जाने कौन से इस्लाम पर अमल कर रहे है.

आज अवाम सवाल पूछ रही है...
  • क्या ऐसे लोग दीनी मरकज़ के VP की पोजीशन पर अब भी बकी रहने लायक़ है?
  • क्या इन जैसे लोगो को हम जमात का प्रेसिडेंट बनाना पसंद करेगे?
कहानी दिलचस्प है... अब लोगो का मूड देखना होगा!


तहरीर: अब्बास हिंदी

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